राजस्थान में स्थापत्य कला – महल
राजस्थान का स्थापत्य कला महलों के माध्यम से भी अत्यंत भव्यता और समृद्धि का परिचय देती है। यहाँ के महल न केवल वास्तुकला के अद्वितीय उदाहरण हैं, बल्कि वे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखते हैं।
जयपुर
- स्थापना: 18 नवम्बर, 1727 को, कच्छवाहा नरेश सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा।
- उपनाम: “भारत का पेरिस”, “गुलाबी नगर”, “रंग श्री को द्वीप (Island of Glory)”
- हवामहल
- 953 खिडकियों वाला, सवाई प्रताप सिंह द्वारा 1799 ई. में बनवाया गया।
- इस महल को उस्ताद लालचंद ने डिज़ाइन किया।
- मुबारक महल
- अतिथि गृह (स्वागत महल), माधोसिंह द्वारा निर्मित।
- चन्द्र महल
- जयसिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया, वास्तुकार विद्याधर।
- सामोद भवन
- चैंमू (जयपुर) में स्थित, चित्रकला के लिए प्रसिद्ध।
- जल महल
- मानसागर झील (जयपुर) में स्थित।
- आमेर का महल (दीवाने-आम)
- कछवाहा राजा मानसिंह प्रथम द्वारा 1592 ई. में निर्मित, मावठा झील के किनारे।
- शीश महल (दीवाने खास)
- महाकवि बिहारी द्वारा “दर्पण धाम” कहा गया।
- नाहरगढ के नौ महल
- नाहरगढ दुर्ग (जयपुर) में स्थित।
जोधपुर
- स्थापना: 12 मई, 1459 को राव जोधा द्वारा।
- उपनाम: “मरूस्थल का प्रवेश द्वार”, “सूर्य नगरी”
- मोती महल
- फतेह महल
- चैखेलाल महल
- फूल महल
- महाराजा अभयसिंह द्वारा निर्मित।
- राइका बाग पैलेस
- महाराजा जसवंत सिंह द्वारा बनवाया गया।
- बीजोलाई महल
- महाराजा तख्त सिंह द्वारा बनवाया गया।
- एक थम्बा महल
- मंडौर (जोधपुर) में स्थित, तीन मंजिला भवन।
- उम्मेद भवन
- महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा 1929-1940 में बनवाया गया, इसे छित्तर पैलेस भी कहा जाता है।
जैसलमेर
- उपनाम: “झरोखों का शहर”
- बादल विलास महल
- सोनारगढ़ दुर्ग में स्थित।
डूंगरपुर
- स्थापना: 1356 ई. में रावल वीर सिंह द्वारा।
- उपनाम: “पहाड़ियों का नगर”
- एक थम्बिया महल
- गेप सागर झील के किनारे।
- उदय विलास पैलेस
- महाराजा उदयसिंह द्वारा निर्मित।
बूंदी
- उपनाम: “छोटी काशी”, “बावडियों का शहर”
- सुखमहल
- विष्णु सिंह द्वारा निर्मित, जैत सागर झील के किनारे।
कोटा
- उपनाम: “राजस्थान का कानपुर”, “उद्यानों का नगर”
- गुलाब महल
- कोटा दुर्ग में स्थित।
- अबला मीणी का महल
- राव मुकुन्द सिंह द्वारा निर्मित।
झालावाड़
- उपनाम: “राजस्थान का नागपुर”
- काष्ट प्रसाद
- किशनसागर झील के किनारे।
भरतपुर
- उपनाम: “राजस्थान का प्रवेश द्वार”
- डीग के जल महल
- सूरजमल जाट द्वारा निर्मित।
उदयपुर
- स्थापना: 1559 ई. में महाराजा उदयसिंह द्वारा।
- उपनाम: “राजस्थान का कश्मीर”
- जग निवास
- महाराणा जगत सिंह द्वितीय द्वारा 1746 ई. में बनाया गया, वर्तमान में लैक पैलेस होटल।
- जग मंदिर
- महाराणा कर्णसिंह द्वारा 1620 ई. में शुरू और जगत सिंह प्रथम द्वारा 1651 ई. में पूर्ण।
- राजमहल
- पिछौला झील के तट पर स्थित।
सिरोही
- स्थापना: 1425 ई. में देवड़ा राजा रायमल द्वारा।
- उपनाम: “अर्बुद प्रवेश”
- केसर विलास
- स्वरूप विलास
बीकानेर
- स्थापना: राव जोधा के पुत्र राव बीका द्वारा।
- उपनाम: “राती घाटी”
- लालगढ़ महल
- गंगासिंह द्वारा अपने पिता लालसिंह की स्मृति में निर्मित।
अजमेर
- स्थापना: 1113 ई. में चैहान राजा अजयराज द्वारा।
- उपनाम: “राजस्थान का ह्रदय”
- राजपूताना म्यूजियम
- मेग्जीन दुर्ग का उपयोग 1908 से राजकीय संग्रहालय के रूप में हो रहा है।
भीलवाड़ा
- उपनाम: “राजस्थान का मैनचेस्टर”
- बनेड़ा महल
- बनेड़ा दुर्ग में स्थित।
अलवर
- स्थापना: 1770 ई. में राव प्रतापसिंह द्वारा।
- उपनाम: “राजस्थान का सिंह द्वार”
- अलवर पैलेस (सिटी पैलेस)
- विनय सिंह द्वारा निर्मित।
चित्तौड़गढ़
- उपनाम: “राजस्थान का गौरव”
- फतह प्रकाश महल
- मेवाड़ के महाराणा फतेह सिंह द्वारा निर्मित।
- पद्मिनी महल
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित।
राजसमंद
- प्राचीन नाम: राजनगर
- झाली रानी का मालिया
- कुम्भलगढ़ दुर्ग में स्थित।
झुनझुनू
- उपनाम: “शेखावटी का सिरमौर”
- खेतड़ी महल
- राजा भोपाल सिंह द्वारा निर्मित, राजस्थान का दूसरा हवामहल कहा जाता है।
टोंक
- उपनाम: “नवाबों का शहर”
- राजमहल
- बनास नदी के किनारे स्थित, पौराणिक एवं धार्मिक स्थल।
- सुनहरी कोठी
- नवाब बजीउद्दौला द्वारा निर्मित, पहले इसे शीशमहल कहा जाता था।