राजस्थान के प्रमुख मेले
- बेणेश्वर धाम मेला (डूंगरपुर)
तारीख: माघ पूर्णिमा
विवरण: सोम, माही और जाखम नदियों के संगम पर लगने वाला यह मेला बागड़ का पुष्कर और आदिवासियों का मेला भी कहा जाता है। संत माव जी को यहाँ ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। - घोटिया अम्बा मेला (बांसवाड़ा)
तारीख: चैत्र अमावस्या
विवरण: इसे “भीलों का कुम्भ” कहा जाता है। यह मेला भील जनजाति के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। - भूरिया बाबा/ गोतमेश्वर मेला (अरणोद-प्रतापगढ़)
तारीख: वैशाख पूर्णिमा
विवरण: इसे “मीणा जनजाति का कुम्भ” कहा जाता है, जो मीणा समुदाय की धार्मिक परंपराओं को समर्पित है। - चैथ माता का मेला (चैथ का बरवाडा – सवाई माधोपुर)
तारीख: माध कृष्ण चतुर्थी
विवरण: इसे “कंजर जनजाति का कुम्भ” कहा जाता है और यह कंजर समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। - गौर का मेला (सिरोही)
तारीख: वैशाख पूर्णिमा
विवरण: इसे ‘गरासिया जनजाति का कुम्भ’ कहा जाता है, जो गरासिया समुदाय की परंपराओं को समर्पित है। - सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा)
तारीख: ज्येष्ठ अमावस्या
विवरण: इसे “सहरिया जनजाति का कुम्भ” कहा जाता है और यह हाडौती अंचल का सबसे बड़ा मेला है। - पुष्कर मेला (पुष्कर, अजमेर)
तारीख: कार्तिक पूर्णिमा
विवरण: मेरवाड़ा का सबसे बड़ा मेला, जिसे “तीर्थो का मामा” कहा जाता है। इस मेले में पशु मेले का आयोजन भी होता है। - कपिल मुनि का मेला (कोलायत-बीकानेर)
तारीख: कार्तिक पूर्णिमा
विवरण: मुख्य आकर्षण “कोलायत झील पर दीपदान” है। यह जंगल प्रदेश का सबसे बड़ा मेला माना जाता है। - साहवा का मेला (चूरू)
तारीख: कार्तिक पूर्णिमा
विवरण: सिंख धर्म का सबसे बड़ा मेला। - चन्द्रभागा मेला (झालरापाटन -झालावाड़)
तारीख: कार्तिक पूर्णिमा
विवरण: चन्द्रभागा नदी पर बने शिवालय में पूजा की जाती है, और इस मेले में पशु मेला भी आयोजित होता है। - भर्तहरी का मेला (अलवर)
तारीख: भाद्रशुक्ल अष्टमी
विवरण: यह नाथ सम्प्रदाय के साधु भर्तहरी की तपोभूमि पर आयोजित होता है। - रामदेव मेला (रामदेवरा- जैसलमेर)
विवरण: इस मेले में तेरहताली नृत्य प्रमुख आकर्षण है, जो कामड़ सम्प्रदाय की महिलाओं द्वारा किया जाता है। - बीजासणी माता का मेला (लालसोट-दौसा)
तारीख: चैत्र पूर्णिमा - कजली तीज का मेला (बूंदी)
तारीख: भाद्र कृष्ण तृतीया - मंचकुण्ड तीर्थ मेला (धौलपुर)
तारीख: अश्विन शुक्ल पंचमी
विवरण: इसे तीर्थो का भान्जा कहते हैं। - वीरपुरी का मेला (मण्डौर – जोधपुर)
तारीख: श्रावण कृष्ण पंचमी - लोटियों का मेला (मण्डौर -जोधपुर)
तारीख: श्रावण शुक्ल पंचमी - डोल मेला (बांरा)
तारीख: भाद्र शुक्ल एकादशी
विवरण: इसे श्री जी का मेला भी कहते हैं। - फूल डोल मेला (शाहपुरा- भीलवाड़ा)
तारीख: चैत्र कृष्ण एकम् से चैत्र कृष्ण पंचमी तक - अन्नकूट मेला (नाथ द्वारा- राजसंमंद)
तारीख: कार्तिक शुक्ल एकम
विवरण: इसे गोवर्धन मेले के नाम से भी जाना जाता है। - भोजनथाली परिक्रमा मेला (कामा-भरतपुर)
तारीख: भाद्र शुक्ल दूज - श्री महावीर जी का मेला (चान्दनपुर-करौली)
तारीख: चैत्र शुक्ल त्रयोदशी से वैशाख कृष्ण दूज तक
विवरण: जैन धर्म का सबसे बड़ा मेला, जिसमें जिनेन्द्ररथ यात्रा का आयोजन होता है। - ऋषभदेव जी का मेला (धूलेव-उदयपुर)
तारीख: चैत्र कृष्ण अष्टमी (शीतलाष्टमी)
विवरण: जी को केसरिया जी, आदिनाथ जी, धूलेव जी, तथा काला जी आदि नामों से जाना जाता है। - चन्द्रप्रभू का मेला (तिजारा – अलवर)
तारीख: फाल्गुन शुक्ल सप्तमी
विवरण: यह भी जैन धर्म का मेला है। - बाड़ा पद्य्पुरा का मेला (जयपुर)
विवरण: यह भी जैन धर्म का मेला है। - रंगीन फव्वारों का मेला (डींग-भरतपुर)
तारीख: फाल्गुन पूर्णिमा - डाडा पम्पा राम का मेला (विजयनगर-श्रीगंगानगर)
तारीख: फाल्गुन माह - बुढ़ाजोहड़ का मेला (डाबला-रायसिंह नगर-श्री गंगानगर)
तारीख: श्रावण अमावस्या - वृक्ष मेला (खेजड़ली- जोधपुर)
तारीख: भाद्र शुक्ल दशमी
विवरण: भारत का एकमात्र वृक्ष मेला है। - डिग्गी कल्याण जी का मेला (टोंक)
विवरण: कल्याण जी विष्णु जी के अवतार माने जाते हैं।
तारीख: श्रावण अमावस्या व वैशाख में। - गलता तीर्थ का मेला (जयपुर)
तारीख: मार्गशीर्ष एकम् (कृष्ण पक्ष)
विवरण: रामानुज सम्प्रदाय की प्रधान पीठ गलता (जयपुर) में स्थित है। - माता कुण्डालिनी का मेला (चित्तौडगढ)
विवरण: यह मेला चित्तौडगढ के राश्मि नामक स्थान पर भरता है, जिसे राजस्थान का हरिद्वार कहा जाता है। - गणगौर मेला (जयपुर)
तारीख: चैत्र शुक्ल तृतीयया
विवरण: जयपुर का प्रसिद्ध गणगौर मेला, जिसमें जैसलमेर की प्रसिद्ध गवर भी शामिल होती है। - राणी सती का मेला (झुनझुनू)
तारीख: भाद्रपद अमावस्या
विवरण: इस मेले पर सती प्रथा निवारण अधिनियम -1987 के तहत् सन 1988 को रोक लगा दी गई। - त्रिनेत्र गणेश मेला (रणथम्भौर -सवाई माधोपुर)
तारीख: भाद्र शुक्ल चतुर्थी - चुन्धी तीर्थ का मेला (जैसलमेर)
विवरण: यह श्री गणेश जी से संबंधित मेला है।
विशेष: “हेरम्भ गणपति मंदिर” बीकानेर में है, जहाँ गणेश जी को शेर पर सवार दिखाया गया है। - मानगढ़ धान का मेला (बांसवाड़ा)
तारीख: आश्विन पूर्णिमा
विवरण: गोविंद गिरी की स्मृति में आयोजित होता है। - खेतला जी का मेला (पाली)
तारीख: चैत्र कृष्ण एकम्