राजस्थान में किसान आंदोलन
1. बिजौलिया किसान आंदोलन (1897-1941)
- स्थान: बिजोलिया (जिला भीलवाड़ा)
- आंदोलन का कारण:
- चँवरी कर: बेटी की शादी में जागीरदार द्वारा लिया जाने वाला 5 रुपये का कर।
- अन्य 84 प्रकार के छोटे कर।
- तलवार बंधाई कर: ठाकुरों द्वारा नया उत्तराधिकारी चुनने पर लगाया जाने वाला कर। (मेवाड़ के महाराणा पृथ्वीसिंह द्वारा लगाया गया)
- यह राजस्थान का पहला संगठित किसान आंदोलन था।
- आंदोलन के प्रणेता: साधु सीतारामदास
- प्रमुख व्यक्ति: साधु सीतारामदास, विजयसिंह पथिक, माणिक्यलाल वर्मा, जमनालाल बजाज, हरिभाऊ उपाध्याय।
विजयसिंह पथिक की भूमिका:
- उनका मूल नाम भूपसिंह था।
- जन्म स्थान: बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)
- 1916 में साधु सीतारामदास के कहने पर बिजौलिया किसान आंदोलन का नेतृत्व किया।
- 1917 में उपरमाल किसान पांच बोर्ड की स्थापना की।
- 1919 में वर्धा में राजस्थान सेवा संघ की स्थापना की।
- 1921 में अजमेर से “नवीन राजस्थान” (तरुण राजस्थान) समाचार पत्र निकाला।
- “प्रताप” समाचार पत्र के माध्यम से इसे राष्ट्रीय आंदोलन का रूप दिया।
सफलता:
- 1922 में किसानों और ठिकाने के बीच हुए समझौते के तहत 84 में से 35 कर माफ कर दिए गए।
- 1941 में मेवाड़ के प्रधानमंत्री टी. राघवाचार्य ने किसानों की मांगें मानकर उन्हें उनकी जमीनें वापस दिलाई।
- 1944 में आंदोलन समाप्त हो गया।
2. बेगूँ किसान आंदोलन (1921-1925)
- स्थान: चित्तौड़ जिले का बेगूँ गांव
- नेता: रामनारायण चौधरी
- बाद में विजयसिंह पथिक ने आंदोलन का नेतृत्व किया।
- 1923 में किसानों और ठाकुर अनूप सिंह के बीच समझौता हुआ, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इसे रद्द कर दिया।
- जुलाई 1923 में किसान सभा पर हुए लाठी चार्ज में रूपजी एवं कृपाजी धाकड़ शहीद हो गए।
सफलता:
- 1925 में हुए समझौते में लाटा-कुटां प्रथा बंद कर दी गई।
- भूमि बंदोबस्ती लागू की गई।
- बेगार प्रथा समाप्त हो गई।
3. नीमूचाणा किसान आंदोलन
- कारण: अलवर महाराज जयसिंह द्वारा लगान बढ़ा दिया गया।
- 14 मई 1925 को बढ़े हुए लगान के विरोध में किसान नीमूचाणा ग्राम में सभा के लिए एकत्रित हुए, जिन पर सैनिकों द्वारा गोलीबारी की गई, जिसमें सैकड़ों किसान मारे गए।
- महात्मा गांधी ने इसे जलियांवाला बाग हत्याकांड से भी भयानक बताया।
4. शेखावाटी किसान आंदोलन
- मुख्य कार्यकर्ता: रामनारायण चौधरी
- 25 अप्रैल 1934 को कटराथल गाँव में किशोरी देवी के नेतृत्व में लगभग 10,000 जाट महिलाओं ने आंदोलन में भाग लिया।
- खुदी हत्याकांड: 1935 में धरने में बैठे किसानों पर कप्तान वैब ने गोलियाँ चलवाईं।
- कूदण हत्याकांड: कूदण गाँव में कप्तान वैब ने गोलियाँ चलवाईं।
5. बूंदी किसान आंदोलन (1921-1925)
- नेतृत्व: पं. नयनूराम शर्मा
- 2 अप्रैल 1923 को डाबी हत्याकांड हुआ, जिसमें किसानों की सभा पर पुलिस द्वारा गोलीबारी की गई।
- नानक जी भील शहीद हो गए।
- माणिक्यलाल वर्मा ने नानक जी मील की स्मृति में “अर्जी शीर्षक” गीत लिखा।
राजस्थान में आदिवासी आंदोलन
1. भील आंदोलन
- नेता: गोविन्द गिरी
- जन्म स्थान: डूंगरपुर का बांसिया गाँव
- भील एवं गरासिया जनजाति में व्याप्त बुराइयों और कुरीतियों को समाप्त करने के लिए भगत आंदोलन चलाया।
- 1883 में सम्प सभा की स्थापना की।
2. मानगढ़ हत्याकांड
- तिथि: 17 नवम्बर 1913
- सम्प सभा के वार्षिक अधिवेशन में हजारों भील मानगढ़ पहाड़ी पर एकत्र हुए।
- अंग्रेजों ने इस पहाड़ी को घेरकर गोलियाँ चलाईं, जिसमें लगभग 1500 भील शहीद हुए।
- इसे भारत का दूसरा जलियांवाला बाग हत्याकांड कहा जाता है।
- नवम्बर 2012 में इस हत्याकांड की 100 वीं बरसी पर मानगढ़ के स्मारक को शहीद स्मारक का दर्जा दिया गया।
3. एकी आंदोलन
- प्रारंभ: 1921 में मातृकुण्डिया ग्राम (चित्तौड़गढ़) से।
- नेता: मोतीलाल तेजावत
- इसे भोमट भील आंदोलन भी कहा जाता है।
- मोतीलाल तेजावत ने भीलों में जागरूकता लाने हेतु वनवासी संघ की स्थापना की।
- उन्हें मेवाड़ का गांधी भी कहा जाता है।
4. नीमड़ा हत्याकांड
- तिथि: 7 मार्च 1922
- मोतीलाल तेजावत द्वारा आयोजित सम्मेलन में मेवाड़ भील कोर के सैनिकों ने भील समुदाय के लोगों पर गोलीबारी की।
- संत भाव जी ने मेवाड़ एवं वागड़ क्षेत्र के भीलों में जागरूकता के लिए लसोड़िया आंदोलन चलाया।
5. मीणा आंदोलन
- प्रभाव: 1924 के क्रिमिनल ट्राइब एक्ट और 1930 के जरायम पेशा कानून के तहत मीणा जाति के लोगों को पुलिस थाने में हाजिरी देनी पड़ती थी।
- मीणा समाज द्वारा मीणा जाती सुधार समिति की स्थापना की गई।
- 1944 में नीम का थाना में मीणों का एक वृहद् अधिवेशन आयोजित किया गया।
- 1945 में इस समिति के नेतृत्व में जरायम पेशा और अन्य कानूनों को वापस लेने के लिए आंदोलन किया गया।
सफलता:
- 1946 में मीणा महिलाओं एवं बच्चों को थाने में हाजिरी देने से मुक्त कर दिया गया।
- स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात जरायम पेशा कानून भी समाप्त कर दिया गया।