राजस्थान की नदियां मुख्य रूप से आंतरिक अपवाह तंत्र का हिस्सा हैं, जिसमें उन नदियों को शामिल किया जाता है जिनका उद्गम या विलीन बिंदु राजस्थान के अंदर ही होता है। ये नदियाँ किसी और नदी की सहायक नहीं होती हैं और प्रमुख रूप से मौसमी होती हैं। आइए इन नदियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
1. घग्घर नदी
- उद्गम: हिमाचल प्रदेश के शिवालिक पहाड़ियों के पास कालका से।
- प्रवेश बिंदु: यह पंजाब और हरियाणा से होकर राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी स्थान पर प्रवेश करती है।
- विलीन बिंदु: यह हनुमानगढ़ में भटनेर दुर्ग के पास समाप्त हो जाती है। बाढ़ के समय यह गंगानगर जिले में भी बहती है और पाकिस्तान के बहावलपुर जिले में जाकर समाप्त होती है।
- लंबाई: लगभग 465 किमी।
- विशेषताएं:
- इसे प्राचीन सरस्वती नदी का प्रवाह माना जाता है और वैदिक काल में इसे ‘दृषद्वती’ कहा जाता था।
- पाकिस्तान में इसे हकरा नदी कहा जाता है।
- इस नदी के तट पर कालीबंगा सभ्यता का विकास हुआ, जिससे हनुमानगढ़ को राजस्थान का “धान का कटोरा” कहा जाता है।
- यह राजस्थान की एकमात्र अंतरराष्ट्रीय नदी है।
2. कांतली नदी
- उद्गम: सीकर जिले में खंडेला पहाड़ियों से।
- प्रवेश बिंदु: यह नदी झुंझुनू जिले को दो भागों में बांटते हुए बहती है।
- विलीन बिंदु: यह चूरू जिले की सीमा पर समाप्त हो जाती है।
- लंबाई: लगभग 100 किमी।
- विशेषताएं:
- सीकर जिले के तट पर गणेश्वर सभ्यता विकसित हुई थी, जहां से मछली पकड़ने के 400 कांटे प्राप्त हुए हैं।
- इस नदी का प्रवाह क्षेत्र तोरावाटी बेसिन कहलाता है।
3. काकनेय (काकनी) नदी
- उद्गम: जैसलमेर जिले में कोटड़ी गांव से।
- विलीन बिंदु: यह नदी उत्तर-पश्चिम की ओर बहकर बुझ झील में जाकर समाप्त होती है।
- लंबाई: लगभग 17 किमी, जो आंतरिक प्रवाह की सबसे छोटी नदी है।
- विशेषताएं: स्थानीय लोग इसे ‘मसूरदी’ के नाम से जानते हैं।
4. साबी नदी
- उद्गम: जयपुर जिले की सीवर पहाड़ियों से।
- प्रवेश बिंदु: यह उत्तर-पूर्व की ओर बहते हुए अलवर जिले में बहती है।
- विलीन बिंदु: हरियाणा के गुड़गांव जिले के नजफगढ़ के समीप पटौदी में।
- विशेषताएं: यह अलवर और आस-पास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जलस्रोत है।
5. रूपारेल नदी
- उद्गम: अलवर जिले के उदयनाथ पहाड़ी से।
- विलीन बिंदु: यह भरतपुर के कुसलपुर में समाप्त होती है।
- विशेषताएं: इसे भरतपुर की जीवन रेखा माना जाता है और कृषि के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
6. मैन्था नदी
- उद्गम: जयपुर के मनोहरथाना क्षेत्र से।
- विलीन बिंदु: यह सांभर झील में जाकर समाप्त होती है।
- विशेषताएं: यह मौसमी नदी है, जो अधिक वर्षा के समय सांभर झील को जल प्रदान करती है।
7. रूपनगढ़ नदी
- उद्गम: सलेमाबाद (अजमेर) से।
- विलीन बिंदु: यह सांभर के दक्षिण में विलीन हो जाती है।
- विशेषताएं: इस नदी के किनारे निम्बार्क सम्प्रदाय की पीठ स्थित है, जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
ये नदियां राजस्थान की जलवायु और भौगोलिक स्थिति के अनुसार बहती हैं और राज्य की सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता को संजोए हुए हैं। इन नदियों ने कई प्राचीन सभ्यताओं का विकास संभव किया है और आज भी राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं।