💌 प्यार या फ़र्ज़
(Love Marriage Vs Arranged Marriage – एक दिल को छू लेने वाली कहानी)
🧑🎓 आरव और सिया – कॉलेज के दिन
आरव — एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट, शांत और व्यवहारिक।
सिया — कला की छात्रा, ज़िंदादिल, बिंदास और सपनों से भरी।
दोनों एक यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। शुरुआत दोस्ती से हुई, फिर चुपचाप दिलों में प्यार पनपने लगा।
सिया कहती थी:
“अगर हम शादी करें तो मैं चाहती हूं, सबको बताएँ — छुपाया नहीं जाए।”
आरव थोड़ा पारिवारिक सोच वाला था:
“प्यार अपना है… लेकिन दुनिया को समझाना मुश्किल है।”
🏠 परिवार और परंपराएं
कॉलेज खत्म हुआ। सिया ने अपने घर में बात की, माँ-पापा ने साफ मना कर दिया —
“लव मैरिज? नहीं। हमें हमारी जाति-बिरादरी देखनी है।”
उधर आरव के घर वालों ने कहा:
“जो लड़की हमने देखी है, वो संस्कारी है, नौकरी भी करती है। अरेंज मैरिज में ही भलाई है।”
आरव, जो हमेशा सिया से कहता था —
“मैं हर हाल में तुम्हारे साथ हूं”
वो अब चुप हो गया…
💔 अलग रास्ते
एक दिन, आरव ने सिया को बुलाया — बिना मुस्कराहट के बोला:
“हमारा प्यार सच्चा है, लेकिन शायद सही वक्त पर नहीं हुआ। मैं तुम्हें दर्द नहीं देना चाहता, इसलिए…”
सिया ने बात पूरी करने से पहले कहा:
“मत कहो… मैं समझ गई। तुम प्यार करते थे, लेकिन लड़ नहीं पाए।”
आरव की अरेंज मैरिज हो गई —
सिया भी कुछ सालों बाद एक आर्टिस्ट से शादी कर ली — जिससे उसने प्यार तो नहीं किया, लेकिन इज्जत ज़रूर करती थी।
📦 5 साल बाद – एक Exhibition में मुलाकात
सिया की पेंटिंग एग्जीबिशन में आरव आया — अपनी पत्नी और बेटी के साथ।
सिया ने उसे देखा… मुस्कराई… और बोली:
“कैसी हो ज़िन्दगी?”
आरव बोला:
“ठीक हूँ… सब कुछ है, पर वो ‘कुछ नहीं’ जैसा लगता है।”
सिया हँसी और कहा:
“मेरे पास वो सब नहीं जो दुनिया चाहती थी, पर दिल अब भी सुकून में है।”
✍️ निष्कर्ष:
“लव मैरिज और अरेंज मैरिज दोनों में खुशी हो सकती है,
लेकिन अगर आप किसी को छोड़ने के बाद “काश” कहते हैं…
तो शायद आप हार गए — समाज से भी और खुद से भी।”